आज आपके लिए ही विशेष ब्लॉग लिखने की सूझी है । अब रोज रोज तो लिख नही सकते हैं ना । फ़िर भी घुघूती बासूती पर चर्चा करने के बाद पुनः एक बार फ़िर आपका ध्यान इस तरफ़ खींचने की कोशिश कर रहा हूँ।
घुघूती बासूती एक विचार है, या कहें विचार से बड़कर एक सोच, एक विमर्श, एक प्रयास है। अपने उत्तराखंड के इतिहास, संस्कृति, शिक्षा व पर्यावरण जैसे अहम् आधारों व उनसे जुडी चुनौतियों को साथ लेकर उत्तरआधुनिकतावाद से जुड़ने का.सोच का ऐसा आयाम जहाँ विषय हों, सजीव बिम्ब हों जिनका निष्पक्ष व बेबाक अंदाज़ में पूर्वाग्रहरहित विश्लेषण हो, संवाद हो...कुछ तेरी कुछ मेरी लेकिन जो बात हो सबकी............इसी श्रंखला के अगले प्रयास में हम जल्द ही आपके बीच एक पत्रिका के माध्यम से आयेंगे.आशा है अपनी जड़ों को समझने के इस प्रयास में आप 'घुघूती बासूती' की सोच का पक्ष लेंगे. कृपया प्रतिक्रियाओं से अवगत कराएं। धन्यवाद।
बुधवार, 3 जून 2009
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This is a high-quality thinking....about under
जवाब देंहटाएं"घुघूती बासूती". Good Lcuk to You....
There's any who think about this....
once again Best of Luck